यार शायर,
आँखों के महके हुए राज़
आखिर पढ़ते कैसे हो?
कैसे
तुम्हारी प्रेमिका लू की तरह आती है?
चांद गीला सा होता है
और
फूल चड्ढी पहन कर खिलता है?
कैसे हाथों पर धूप मला करते हो?
हवाओं पर पैगाम लिखा करते हो?
दिल के किस कोने में रखे हैं
सावन कुछ भीगे-भीगे दिन?
शायर नहीं
जैसे कोई तांत्रिक बाबा हों तुम
जो नज़मों की झाड़ू सर पर रख दें
तो दर्दो-गम का भूत
उड़ जाए
फुर्र करके।
यार शायर!
तेरे बिना शायरी से कोई
शिकवा तो नहीं ..... शिकवा नहीं
तेरे बिना शायरी भी लेकिन ....
शायरी तो नहीं..... शायरी नहीं !
- विपुल नागर
આજે ગુલઝાર દિવસ છે! માણો વિપુલ નાગરની રચના એમના જ અવાજમાં.
@meghnagulzar @nagarvip #gulzar #gulzarsahab #gulzariyat #happybirthdaygulzar #gulzarpoetry
यार शायर, आँखों के महके हुए राज़ आखिर पढ़ते कैसे हो? कैसे तुम्हारी प्रेमिका लू की तरह आती है? चांद गीला सा होता है और फूल चड्ढी पहन कर खिलता है? कैसे हाथों पर धूप मला करते हो? हवाओं पर पैगाम लिखा करते हो? दिल के किस कोने में रखे हैं सावन कुछ भीगे-भीगे दिन? शायर नहीं जैसे कोई तांत्रिक बाबा हों तुम जो नज़मों की झाड़ू सर पर रख दें तो दर्दो-गम का भूत उड़ जाए फुर्र करके। यार शायर! तेरे बिना शायरी से कोई शिकवा तो नहीं ..... शिकवा नहीं तेरे बिना शायरी भी लेकिन .... शायरी तो नहीं..... शायरी नहीं ! - विपुल नागर આજે ગુલઝાર દિવસ છે! માણો વિપુલ નાગરની રચના એમના જ અવાજમાં. @meghnagulzar @nagarvip #gulzar #gulzarsahab #gulzariyat #happybirthdaygulzar #gulzarpoetry
Aug 18, 2020