हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते जिस की आवाज़ में सिलवट हो निगाहों में शिकन ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा करते लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो ऐसे दरिया का कभी रुख़ नहीं मोड़ा करते

gulzar, હવેગઝલસાંભળેછેકોણ

RJ Dhvanit,  gulzar, હવેગઝલસાંભળેછેકોણ

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते

जिस की आवाज़ में सिलवट हो निगाहों में शिकन
ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा करते

लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो
ऐसे दरिया का कभी रुख़ नहीं मोड़ा करते

#gulzar #હવેગઝલસાંભળેછેકોણ

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते जिस की आवाज़ में सिलवट हो निगाहों में शिकन ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा करते लग के साहिल से जो बहता है उसे बहने दो ऐसे दरिया का कभी रुख़ नहीं मोड़ा करते #gulzar #હવેગઝલસાંભળેછેકોણ

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